Header Ads

ads header

Breaking News

सिख दंगों के गवाहों को डरा रही कांग्रेस

  • पूर्व मुख्यंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को ही दिल्ली कांग्रेस प्रमुख का पद संभाला
  • टाइटलर को आगे की सीट पर बिठाने को लेकर भाजपा और अकाली दल ने कांग्रेस पर निशाना साधा

नई दिल्ली. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाल ली। हालांकि, कार्यक्रम में 1984 दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर की मौजूदगी से विवाद खड़ा हो गया। भाजपा और आप ने कार्यक्रम में टाइटलर को पहली पंक्ति में बिठाने पर निशाना साधा। दोनों पार्टियों ने कांग्रेस की इस हरकत को सिखों के जले पर नमक छिड़कने जैसा बताया। 
केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा, “इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और अब राहुल गांधी। टाइटलर इन सभी का दाहिना हाथ रहा है। यह देश के सिखों के लिए साफ संदेश है।” अकाली दल के ही एक और नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर 1984 दंगों के आरोपी को कार्यक्रम के दौरान अगली पंक्ति में बिठाया, ताकि वह 1984 दंगों के गवाहों को डरा सके। कांग्रेस इसके जरिए यह संदेश देना चाहती है कि हाई कमांड टाइटलर का समर्थन करता है और किसी को भी उसके खिलाफ नहीं खड़े होना चाहिए। 

सिख दंगों में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं
कार्यक्रम के बाद मीडिया ने टाइटलर से 1984 दंगों के एक और आरोपी सज्जन सिंह की सजा पर सवाल किया। इस पर टाइटलर ने कहा, “जब कोर्ट ने किसी मामले पर अपना फैसला सुना दिया है, तो एक आदमी क्या कह सकता है। लेकिन आप मेरे नाम का जिक्र भी करते रहते हैं। आखिर क्यों? क्या मेरे नाम पर एफआईआर है? क्या कोई केस है? नहीं। तो फिर मेरा नाम क्यों लिया जाता है? किसी ने आप से मेरे नाम का जिक्र किया और आपने उसे सच मान लिया।” 

मनमोहन सरकार में मंत्री थे टाइटलर
जगदीश टाइटलर 2004 की मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री बने थे। हालांकि, दंगों के आरोप के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। 1984 दंगों में सिखों को निशाना बनाने और भीड़ को भड़काने के लिए टाइटलर और सज्जन कुमार को आरोपी बनाया गया था। पिछले साल दिसंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को आपराधिक साजिश और दंगा भड़काने का दोषी पाया था। इसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई।