मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- एक साथ चुनाव के लिए 32 लाख ईवीएम चाहिए, हमारे पास 15.16 लाख
भोपाल. ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने फिर साफ किया है कि इस बार इसकी संभावना कम है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए 32 लाख ईवीएम की जरूरत पड़ेगी।
आयोग के पास इस समय 15 लाख 16 हजार ईवीएम हैं। इसके अलावा संवैधानिक प्रावधानों में भी संशोधन आवश्यक है। रावत मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि के समारोह में बोल रहे थे। एक छात्र के सवाल पर उन्होंने यह जवाब दिया।
फेक न्यूज पर बोले... महाभारत में द्रोणाचार्य भी फेक न्यूज का शिकार हुए : फेक न्यूज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रावत ने कहा- इसका उदाहरण पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। महाभारत में द्रोणाचार्य का वध करना था, उन्हें कमजोर करने के लिए युद्ध के दौरान घोषणा कर दी गई कि अश्वत्थामा मारा गया। अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। जबकि मरने वाला अश्वत्थामा एक हाथी था, जिसके बारे में घोषणा की गई थी। द्रोणाचार्य यह खबर सुनकर कमजोर हो गए और पांडवों ने उनका वध कर दिया। यह फेक न्यूज का उदाहरण है।
सीहोर कलेक्टर ने कहा- चुनाव में इस बार नर्मदा नदी खतरा बनेगी, 1000 अतिरिक्त बल चाहिए : नर्मदा भवन में कलेक्टर-एसपी, आईजी, कमिश्नर की बैठक में सीहोर कलेक्टर तरुण कुमार पिथौड़े ने कहा है कि नर्मदा नदी के कारण यह जिला अत्यंत संवेदनशील है। यहां नदी की 110 किलोमीटर लंबाई है, बहुत बड़ा बैंक भी है। लोगों का आना-जाना बना रहता है, इसलिए एक हजार अतिरिक्त पुलिस बल चाहिए। यदि व्यवस्था न हो सके तो हमें यह अनुमति दी जाए कि रिटायर्ड फौजियों की तैनाती कर सकें।
राजगढ़ कलेक्टर से पूछा- वीवी-पैट कैसे काम करती है? नहीं बता पाए तो कहा- बाहर जाकर सीखो, बाद में पूछूंगा : कलेक्टर-पुलिस अधीक्षकों की बैठक में राजगढ़ कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की गलती भी सीईसी ने पकड़ी। उनकी जमकर खिंचाई की। प्रेजेंटेशन के दौरान रावत ने पूछा कि वीवी-पैट के प्रति जागरुकता के लिए क्या किया? कलेक्टर शर्मा ने बताया कि गांव-गांव में शिविर लगाए। उन्हें चलाना बताया। रावत ने तुरंत कहा-‘बताओ मशीन कैसे काम करती है?’ रावत का इतना कहना था कि शर्मा हक्के-बक्के रह गए। वे नहीं बता पाए कि मशीन कैसे काम करती है। रावत ने फटकार लगाते हुए शर्मा से कहा कि बाहर काउंटर लगा है। जाकर सीखें। मीटिंग के बाद पूछा जाएगा कि मशीन कैसे काम करती है। रावत ने कलेक्टरों द्वारा दिए जा रहे प्रेजेंटेशन के दौरान यह भी कहा कि भाषण देने के दौरान टू द पाॅइंट अपनी बात र खें। बैठक के दौरान उमरिया और मुरैना कलेक्टर क्रमश: मालसिंह भयडिया व भरत यादव को भी तैयारी से नहीं आने के कारण फुल बेंच की नाराजगी झेलनी पड़ी। आयोग ने होशंगाबाद कलेक्टर प्रियंका दास को भी जानकारी दुरुस्त करने को कहा।
पांच साल पुराने बोगस वोटरों की जांच नहीं होगी, हमें गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने, नए मामलों की जांच तुरंत: रावत
मध्यप्रदेश में 2008 और 2013 के बीच बढ़े 1.5 करोड़ वोटर और 2013 से 2018 के बीच बढ़े सिर्फ 28 लाख वोटरों के मामले में उठ रहे सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने साफ कर दिया है कि पुराने मामले की कोई जांच नहीं होगी। पिछले चुनाव से पहले क्या हुआ, हमें गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने। अभी जो भी मामले आ रहे हैं, उनकी तुरंत जांच की जा रही है। दो दिवसीय दौरे पर भोपाल आए रावत ने ‘दैनिक भास्कर’ से बात की।
सवाल : मप्र में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर कमेटी बनी है, उसकी सिफारिशें भी आने वाली हैं। आयोग इस पर क्या करेगा?
रावत : चुनाव आयोग से इस कमेटी का कोई लेना-देना नहीं है। सिफारिशों का हम क्या करेंगे, जिन्होंने कमेटी बनाई है वही इसके बारे में सही तरीके से जानकारी दे सकते हैं।
सवाल : चुनावी साल में आयोग के वरिष्ठ अफसरों को हटाया गया?
रावत : आयोग की पूरी बेंच बैठती है तो उसमें तमाम निर्णय होते हैं। सलीना सिंह के बारे में भी निर्णय बेंच ने लिया।
सवाल : एक साथ चुनाव पर आपका क्या कहना है?
रावत : एक साथ चुनाव कराना कानूनी रूप से संभव ही नहीं। किसी राज्य में चुनाव के लिए छह माह की तैयारी लगती है। चार राज्यों के चुनावों में ऐसी कोई संभावना नहीं है।
सवाल : पेड न्यूज के मामले में मंत्री नरोत्तम मिश्रा के विरुद्ध आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने में देरी क्यों की?
रावत : कोर्ट के जो भी फैसले होते हैं, उनमें अपील की समय सीमा होती है। आयोग ने उसी समय सीमा के भीतर अपील की है। इसमें कोई देर नहीं की गई।
सवाल : कांग्रेस शिकायतों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रही है?
रावत : यह बात बिल्कुल गलत व कल्पना से जुड़ी है। कांग्रेस ऐसा नहीं कह सकती, क्योंकि उसके अलावा भी जितनी शिकायतें हैं उनकी जांच तुरंत की जा रही है। हम भोपाल आए भी इसीलिए हैं कि सभी दलों से बात कर सकें।
आयोग के पास इस समय 15 लाख 16 हजार ईवीएम हैं। इसके अलावा संवैधानिक प्रावधानों में भी संशोधन आवश्यक है। रावत मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि के समारोह में बोल रहे थे। एक छात्र के सवाल पर उन्होंने यह जवाब दिया।
फेक न्यूज पर बोले... महाभारत में द्रोणाचार्य भी फेक न्यूज का शिकार हुए : फेक न्यूज को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रावत ने कहा- इसका उदाहरण पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। महाभारत में द्रोणाचार्य का वध करना था, उन्हें कमजोर करने के लिए युद्ध के दौरान घोषणा कर दी गई कि अश्वत्थामा मारा गया। अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। जबकि मरने वाला अश्वत्थामा एक हाथी था, जिसके बारे में घोषणा की गई थी। द्रोणाचार्य यह खबर सुनकर कमजोर हो गए और पांडवों ने उनका वध कर दिया। यह फेक न्यूज का उदाहरण है।
सीहोर कलेक्टर ने कहा- चुनाव में इस बार नर्मदा नदी खतरा बनेगी, 1000 अतिरिक्त बल चाहिए : नर्मदा भवन में कलेक्टर-एसपी, आईजी, कमिश्नर की बैठक में सीहोर कलेक्टर तरुण कुमार पिथौड़े ने कहा है कि नर्मदा नदी के कारण यह जिला अत्यंत संवेदनशील है। यहां नदी की 110 किलोमीटर लंबाई है, बहुत बड़ा बैंक भी है। लोगों का आना-जाना बना रहता है, इसलिए एक हजार अतिरिक्त पुलिस बल चाहिए। यदि व्यवस्था न हो सके तो हमें यह अनुमति दी जाए कि रिटायर्ड फौजियों की तैनाती कर सकें।
राजगढ़ कलेक्टर से पूछा- वीवी-पैट कैसे काम करती है? नहीं बता पाए तो कहा- बाहर जाकर सीखो, बाद में पूछूंगा : कलेक्टर-पुलिस अधीक्षकों की बैठक में राजगढ़ कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की गलती भी सीईसी ने पकड़ी। उनकी जमकर खिंचाई की। प्रेजेंटेशन के दौरान रावत ने पूछा कि वीवी-पैट के प्रति जागरुकता के लिए क्या किया? कलेक्टर शर्मा ने बताया कि गांव-गांव में शिविर लगाए। उन्हें चलाना बताया। रावत ने तुरंत कहा-‘बताओ मशीन कैसे काम करती है?’ रावत का इतना कहना था कि शर्मा हक्के-बक्के रह गए। वे नहीं बता पाए कि मशीन कैसे काम करती है। रावत ने फटकार लगाते हुए शर्मा से कहा कि बाहर काउंटर लगा है। जाकर सीखें। मीटिंग के बाद पूछा जाएगा कि मशीन कैसे काम करती है। रावत ने कलेक्टरों द्वारा दिए जा रहे प्रेजेंटेशन के दौरान यह भी कहा कि भाषण देने के दौरान टू द पाॅइंट अपनी बात र खें। बैठक के दौरान उमरिया और मुरैना कलेक्टर क्रमश: मालसिंह भयडिया व भरत यादव को भी तैयारी से नहीं आने के कारण फुल बेंच की नाराजगी झेलनी पड़ी। आयोग ने होशंगाबाद कलेक्टर प्रियंका दास को भी जानकारी दुरुस्त करने को कहा।
पांच साल पुराने बोगस वोटरों की जांच नहीं होगी, हमें गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने, नए मामलों की जांच तुरंत: रावत
मध्यप्रदेश में 2008 और 2013 के बीच बढ़े 1.5 करोड़ वोटर और 2013 से 2018 के बीच बढ़े सिर्फ 28 लाख वोटरों के मामले में उठ रहे सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने साफ कर दिया है कि पुराने मामले की कोई जांच नहीं होगी। पिछले चुनाव से पहले क्या हुआ, हमें गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने। अभी जो भी मामले आ रहे हैं, उनकी तुरंत जांच की जा रही है। दो दिवसीय दौरे पर भोपाल आए रावत ने ‘दैनिक भास्कर’ से बात की।
सवाल : मप्र में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर कमेटी बनी है, उसकी सिफारिशें भी आने वाली हैं। आयोग इस पर क्या करेगा?
रावत : चुनाव आयोग से इस कमेटी का कोई लेना-देना नहीं है। सिफारिशों का हम क्या करेंगे, जिन्होंने कमेटी बनाई है वही इसके बारे में सही तरीके से जानकारी दे सकते हैं।
सवाल : चुनावी साल में आयोग के वरिष्ठ अफसरों को हटाया गया?
रावत : आयोग की पूरी बेंच बैठती है तो उसमें तमाम निर्णय होते हैं। सलीना सिंह के बारे में भी निर्णय बेंच ने लिया।
सवाल : एक साथ चुनाव पर आपका क्या कहना है?
रावत : एक साथ चुनाव कराना कानूनी रूप से संभव ही नहीं। किसी राज्य में चुनाव के लिए छह माह की तैयारी लगती है। चार राज्यों के चुनावों में ऐसी कोई संभावना नहीं है।
सवाल : पेड न्यूज के मामले में मंत्री नरोत्तम मिश्रा के विरुद्ध आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने में देरी क्यों की?
रावत : कोर्ट के जो भी फैसले होते हैं, उनमें अपील की समय सीमा होती है। आयोग ने उसी समय सीमा के भीतर अपील की है। इसमें कोई देर नहीं की गई।
सवाल : कांग्रेस शिकायतों पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रही है?
रावत : यह बात बिल्कुल गलत व कल्पना से जुड़ी है। कांग्रेस ऐसा नहीं कह सकती, क्योंकि उसके अलावा भी जितनी शिकायतें हैं उनकी जांच तुरंत की जा रही है। हम भोपाल आए भी इसीलिए हैं कि सभी दलों से बात कर सकें।
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