30 किलो सोना, 12 हजार साडिय़ां थी इनके पास...
दीपक राय, भोपाल। देश की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयललिता अब नहीं रहीं। सबसे पहले उन्हें सोशल मीडिया न्यूज की ओर से श्रृद्धांजलि।
जयललिता के बारे में यह भी जानिए।
*117 करोड़ की संपत्ति थी जयललिता के पास
*सीएम बनने के बाद एक रुपये सैलेरी लेती थीं
*30 किलो सोना
*12 हजार साडिय़ां
*750 जोड़ी सैंडिल
*6 करोड़ रुपये खर्च किए थे दत्तक पुत्र की शादी में
*जयललिता अपने जमाने की सुपरहिट हीरोइन थीं
*वे सबसे महंगी अभिनेत्री थीं
*इस कमाई से उन्होंने कई कंपनियां बनाईं और पैसे कमाए
*राजनीति में आने के बाद उन्होंने समाज सेवा की
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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार जे. जयललिता को चेन्नई के मरीना बीच में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। जया की अंतिम इच्छा यही थी कि एम.जी. रामचंद्रन की तरह उन्हें भी दफनाया जाए। जया की अंतिम यात्रा राजाजी हॉल से शुरू हुई जिसमें लाखों समर्थक शामिल हुए। अंतिम विदाई देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुपरस्टार रजनीकांंत मध्य प्रदेश के मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई दिग्गज शामिल हुए। जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया था। वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। उनके निधन पर केंद्र सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है, जहां देशभर की सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। इस बीच, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
लोगों के अंतिम दर्शन के लिए जयललिता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया था, जहां हजारों समर्थक अपनी पुराची थलैवी अम्मा (क्रांतिकारी नेता अम्मा) को अंतिम विदाई देने के लिए कतार में खड़े रहे। जयललिता की पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया था। यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढिय़ों पर रखा गया और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया था। जयललिता जयराम राज्य की एक लोकप्रिय नेता थीं, जिन्होंने अपने लोकलुभावन कार्यक्रमों से गरीबों का दिल जीता और पिछले तीन दशक से प्रदेश की राजनीति में एक ध्रुव थीं। रविवार शाम को दिल का दौरा पड़ा था और तभी से उनकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई थी। तमिलनाडु में स्कूल और कॉलेज तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं और 6 दिसंबर से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
एक नजर में जया के जीवन का सफर
तमिलनाडु के मांडया जिले के मेलुरकोट गांव में जन्म
2 साल की थीं, पिता का निधन, मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू किया, पढ़ाई के दौरान ही जया ने अंग्रेजी फिल्म एपिसल में काम किया
15 साल में कन्नड़ फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिका, फिर तमिल फिल्मों में काम करने लगीं
1965 से 1972 तक अधिकतर फिल्में प्रसिद्ध अभिनेता एवं राजनेता एमजी रामचंद्रन के साथ की
एमजीआर के साथ 28 फिल्मों में काम किया। एमजीआर तमिल सिनेमा के सुपरस्टार थे और भारतीय राजनीति के सम्मानित नेताओं में थे।
बॉलीवुड की फिल्म इज्जत में उन्होंने धर्मेंद्र के साथ भी काम किया, अंतिम फिल्म 1980 में रिलीज हुई थी
जयललिता फिल्मी दुनिया को अलविदा कह कर एमजीआर के साथ राजनीति में आ गईं। कहा जाता है कि अंग्रेजी में उनकी मजबूती को देखकर एमजीआर उनको राजनीति में लेकर आए थे।
एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक से टूटने के बाद एमजीआर ने अन्नाद्रमुक गठित की। साल 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और राज्यसभा के लिए मनोनित किया, विधानसभा के उपचुनाव जिताकर सदस्य बनाया।
एमजीआर के निधन के बाद जयललिता साल 1987 में पूरी तरह उभर कर सामने आईं।
एमजीआर की अंतिम यात्रा के दौरान एमजीआर की पत्नी और समर्थकों ने जयललिता के साथ कथित रूप से दुव्र्यवहार किया जिससे पार्टी में बिखराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद जयललिता पहली बार साल 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
हालांकि साल 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन तब तक जयललिता एक मजबूत राजनीतिक हस्ती बन चुकी थीं।
अम्मा 2015 से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले वह 1991 से 1996, 2002 से 2006 और 2011 से 2014 तक मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है।
जीवन का सबसे बड़ा विवाद, चार साल की जेल भी हुई
आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए जयललिता पर केस चला जिसमें वो दोषी भी पाई गईं। आखिरकार 27 सितंबर 2014 को बंगलुरु की एक अदालत ने जयलिलता को चार साल कैद की सजा सुनाई।
सुधाकरन को दत्तक पुत्र मानने से जया ने किया था इनकार।
नए सीएम ने संभाला कामकाज
जया के निधन की घोषणा के दो घंटे उनके वफादार ओ. पन्नीरसेल्वम को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पूर्ववर्ती जयललिता मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पन्नीरसेल्वम दो बार पहले भी जयललिता की जगह पर मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया गया था। अस्पताल में रहने के दौरान वे भी सत्ता संभाल रहे थे।
कौन हैं पन्नीरसेल्वम
कभी चाय का स्टॉल लगाने वाले 63 साल के पन्नीरसेल्वम जयललिता के मंत्रालय में वित्त और लोक निर्माण के अहम विभाग देखत थेे। नीरसेल्वम की पहचान जयललिता के 'भक्तÓ के रूप में है। जयललिता की गैरमौजूदगी में पनीरसेल्वम ही कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे हैं। 65 साल के पनीरसेल्वम पहले भी दो बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उनके जेल जाने पर सार्वजनिक मंच पर आंसू नहीं रोक पाए थे। इनका नाम भी उत्तराधिकारी में था शामिल : अभिनेता अजित कुमार, जया की सबसे खास महिला साथीं शशिकला।
बेटियों को जन्मने वाली मांओं के लिए वरदान
पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता ने राज्य में कई सामाजिक योजनाएं शुरू की, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए 'क्रैडल टू बेबी स्कीमÓ, बच्चियों को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त सोने का सिक्का देने जैसी योजनाएं प्रमुख थीं। उन्होंने अम्मा ब्रांड के तहत कई लोक कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की।
तब 200 लोगों ने कर ली थी आत्महत्या
वर्ष 2014 में उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया.। प्रतिद्वंदी पार्टी डीएमके द्वारा दायर इस केस की सुनवाई पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चली थी, जहां उन्हें दोषी करार दिया गया था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद भी उनके लाखों समर्थकों का अम्मा से भरोसा नहीं डिगा। शोक प्रकट करने के लिए सैकड़ों समर्थकों ने अपने सिर मुंड़ा लिए थे और जयललिता के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया था। समर्थकों द्वारा गुस्से में आकर बसें जलाए जाने के बाद उन्होंने जेल से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 200 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। भ्रष्टाचार के इस मामले में 9 महीने बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और उन्होंने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया था। वहीं, सोमवार को सीएम जयललिता के खराब स्वास्थ्य की खबर देखकर तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के एआईएडीएमके सदस्य की मौत हो गई। मंगलवार को भी राज्य में कई समर्थकों की तबियत खराब होने की रिपोर्ट सामने आर्इंं। किसी भी अव्यवस्था न हो यह देखते हुए पुलिस ने पूरे राज्य में सख्ती कर दी है। कुछ स्थानों पर लाठीचार्ज भी किया गया।
अटैक नहीं, सांसों की तकलीफ
ईसीएमओ या एक्स्ट्रा-कॉरपोरियल मैम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन उपकरण पर रखा गया था जया को
सांस लेने में मदद करता है यह उपकरण
इंग्लैंड के पल्मोनरी स्पेशलिस्ट डॉ रिचर्ड बील कर रहे थे इलाज
दिल्ली एम्स के चार डॉक्टरों को भी चेन्नई भेजा गया था
अस्पताल की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद किए गए थे
सभी सड़कों में बैरिकेड लगाए गए थे
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
अस्पताल के आसपास जुटे थे हजारों समर्थक
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि ने दी श्रृद्धांजलि
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री जयललिता के
अंतिम संस्कार में शामिल हुए
दोबारा सीएम बनी थीं जया
लाखों लोगों में अम्मा और मां कही जाने वाली जयललिता ने राज्य की राजनीति में इतिहास रचते हुए इसी साल मई में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था। इससे पहले, राज्य में जयललिता तथा उनके प्रमुख विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र
कषगमकी एक-एक बार सरकार बनती रही थी।
समर्थकों की भारी भीड़ जुटी
राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों तथा राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। इससे पहल पार्थिव शरीर को मंगलवार सुबह उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल ले जाया जा रहा था, वहां समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी।
इस बीमारी ने ली जान
जयललिता को करीब तीन महीने पहले सितंबर में डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां काफी समय तक उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कई सप्ताह तक रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया था। कुछ समय पहले उनकी सेहत में सुधार दिखने लगा था और उन्हें आईसीयू से हटाकर सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन रविवार को दिल की गति रुकने की वजह से उनकी स्थिति फिर गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार देर रात 11. 30 मिनट पर उनका निधन हो गया। इसके बाद राज्य में 7 दिन का शोक घोषित कर दिया गया है। वहीं, 3 दिन तक स्कूल कॉलेजों में छुट्टियांं कर दी गईहैं। सभी कार्यों को टाल दिया गया है।
क्या हुआ था जयललिता को
अम्मा को दिल का दौरा नहीं पड़ा, बल्कि दिल की गति रुक गई थी। चिकित्सा विज्ञान में दोनों के अलग मायने हैं। यह स्थायी और अस्थायी दोनों होता है। जयललिता को ईसीएमओ (एक्स्ट्राकॉपॉरिअल मेम्ब्रेन ऑक्सिजनेशन) सिस्टम में रखा गया था। इस तकनीक के जरिये दिल या फेफड़ा काम नहीं कर पाने की स्थिति में ईसीएमओ मेथड से ही शरीर को ऑक्सिजन पहुंचाया जाता है।
जयललिता ऐसे बनीं तमिलनाडु की अम्मा
68 वर्षीय जयललिता सरकार में ही नहीं राज्य के लोगों में भी राज करती हैं। किसी का रो रोकर बुरा हाल है तो कोई उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहा था। ये सभी दृश्य ये बताते हैं कि तमिलनाडु की जनता के बीच जयललिता (अम्मा) कितनी लोकप्रिय थीं। उनके कई ऐसे किस्से है जिन्हें सुनकर कोई भी अम्मा का भक्त बन जाएगा। जयललिता की उनके समर्थकों के बीच 'भगवान-जैसीÓ हैसियत है। समर्थकों ने जयललिता को 'ईश्वर-जैसेÓ गुणों से लैस बताने के लिए कई मिथक गढ़ डाले हैं। जैसे, वह दयालु और सर्वव्यापी हैं।
अम्मा मिनरल वाटर :10 रुपये की पानी की बोतल सभी प्रमुख शहरों में रेलवे स्टेशनो और बस अड्डों पर मिलती है।
अम्मा लेपटॉप: लगभग 26 हजार रुपए कीमत का लेपटॉप राज्य के 11 लाख बच्चों में बांटने की योजना शुरू की गई है।
अम्मा फार्मेसी: सभी प्रमुख अस्पतालों में अम्मा फार्मेसी खोली गई हैं जहां सस्ते दरों पर लोगों को दवाएं मिलती हैं।
अम्मा बेबी किट: नवजात बच्चों की जरूरत के कई सामान होते हैं जो मुफ्त में दिए जाते हैं।
अम्मा सॉल्ट: साल 2014 में ये योजना लांच की गई थी। 25 रुपए किलो बिकने वाले आम नमक की अपेक्षा अम्मा नमक 14 रुपए प्रति किलो मिलता है।
अम्मा कैंटीन: राज्य के सभी शहरों में सस्ते दर पर खाना और नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए अम्मा कैंटीन खुली हैं।
अम्मा सीमेंट: योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ते दर पर अपना मकान बनाने के लिए अम्मा सीमेंट दी जाती है।
अम्मा मोबाइल: राज्य के सभी सहायता समूहों को मुफ्त में अम्मा स्मार्ट फोन दिए गए हैं।
अम्मा मिक्सर: गरीब औरतों को अम्मा मिक्सर मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है।
अम्मा सिनेमा: राज्य में अम्मा थियेटर के लिए सात स्थानों का चयन किया गया है। इसमें सस्ती दरों पर फिल्में दिखाईं जाएंगी।
इन सबके अलावा भी अम्मा टीवी, अम्मा मैरिज हॉल्स, अम्मा कॉल सेंटर, बीज, चश्मा, लड़कियों को साइकिल, लड़कों को स्कूल बैग, किताबें, यूनिफार्म भी मुफ्त में दिए जाते हैं
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