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वायनाड की रैली देख - भारत में ऐसा लगा जैसे राहुल इस्लामाबाद से चुनाव लड़ रहे हों,जिन्ना की विचार धरा वाली पार्टी के साथ गठबंधन कर जीतेंगे राहुल, क्या देश के विभाजन वाली सोच के साथ है कांग्रेस,

जिन्ना की विचार धरा वाली पार्टी के साथ गठबंधन कर जीतेंगे राहुल, क्या देश के विभाजन वाली सोच के साथ  है कांग्रेस, 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी के अलावा केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसको लेकर भाजपा उन पर हमलावर है कि उन्हें अमेठी से हारने का डर है इसीलिए वायनाड से भी खड़े हो रहे हें। इस बीच एक नई स्थिति पैदा हो गई, जो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
दरअसल वायनाड से राहुल की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कुछ लोग राहुल का पोस्टर लिए हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का हरा झंडा लहरा रहे थे। पोस्ट में दावा किया गया कि वायनाड में राहुल के प्रचार अभियान के दौरान पाकिस्तानी झंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि आईयूएमएल केरल में यूडीएफ (यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट) की अगुआई कर रही कांग्रेस के बड़े सहयोगियों में से एक है।
गुरुवार को जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया, उनका रोड शो भी खत्म हो गया, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने अपने रोड शो में मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं को झंडा लहराने से मना किया।
योगी ने ट्वीट में लिखा, ‘वायनाड में राहुल गांधी जी ने केरल में अपने खास सहयोगी मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं को मना कर दिया कि अपनी पार्टी का हरा झंडा लेकर रैली में न आएं वरना यूपी का वोटर नाराज होगा। …ये मुस्लिम लीग से समझौता कर चुनाव लड़े तो सेक्युलर? हम ‘सबका साथ सबका विकास’ करें तो भी सांप्रदायिक?’

वायनाड में राहुल गांधी जी ने केरल में अपने खास सहयोगी मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं से मना कर दिया कि अपनी पार्टी का हरा झंडा लेकर रैली में न आयें वरना यूपी का वोटर नाराज होगा।

ये मुस्लिम लीग से समझौता कर चुनाव लड़े तो सेक्युलर ? हम 'सबका साथ सबका विकास' करें तो भी साम्प्रदायिक ?

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इस ट्वीट पर तमाम यूजर्स ने टिप्पणी की है। एक यूजर ने लिखा, ‘राहुल गांधी के आज की वायनाड की रैली ऐसी लग रही थी, जैसे वो रावलपिंडी से चुनाव लड़ रहे हों।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘महाराज जी, राहुल बाबा के नॉमिनेशन की फोटो देखकर एक क्षण को तो मुझे लगा वो इस्लामाबाद सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं, फिर किसी ने बताया कि नहीं केरल की सीट है। वैसे, जनेऊधारी हिंदू के नामांकन में एक भी भगवा झंडा दूर-दूर तक नहीं है।’


वायनाड में राहुल गांधी जी ने केरल में अपने खास सहयोगी मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं से मना कर दिया कि अपनी पार्टी का हरा झंडा लेकर रैली में न आयें वरना यूपी का वोटर नाराज होगा।

ये मुस्लिम लीग से समझौता कर चुनाव लड़े तो सेक्युलर ? हम 'सबका साथ सबका विकास' करें तो भी साम्प्रदायिक ?
राहुल गांधी के आज की वायनाड की रैली ऐसी लग रही थी जैसे वो रावलपिंडी से चुनाव लड़ रहे हो

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एक यूजर ने कांग्रेस की प्रचार गाड़ी की फोटो डालते हुए कहा, ‘झंडा देखकर समझ गए होंगे आप, समझाने की जरूरत नहीं।’ दरअसल फोटो में कांग्रेस की प्रचार गाड़ी दिख रही है, जिस पर राहुल-प्रियंका की तस्वीरें लगी हैं। आसपास कई हरे झंडे पकड़े लोग दिख रहे हैं।


वायनाड में राहुल गांधी जी ने केरल में अपने खास सहयोगी मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं से मना कर दिया कि अपनी पार्टी का हरा झंडा लेकर रैली में न आयें वरना यूपी का वोटर नाराज होगा।

ये मुस्लिम लीग से समझौता कर चुनाव लड़े तो सेक्युलर ? हम 'सबका साथ सबका विकास' करें तो भी साम्प्रदायिक ?

हरे झंडे की यह चर्चा नामांकन से पहले से चली आ रही है, जिसका ऊपर जिक्र भी हो चुका है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें भी चल रही हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस राहुल गांधी के कार्यक्रम के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडों से बचना चाहती है। उसे डर है कि कहीं ये झंडे चुनाव में पार्टी नुकसान न करा दें, वायनाड में भी और अमेठी में भी।
चर्चा ने इतना जोर पकड़ा कि पार्टी के महासचिव केपीए मजीद को सामने आकर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने मीडिया में आ रही खबरों को खारिज करते हुए कहा कि राहुल के वायनाड दौरे में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है कि आईयूएमएल के झंडे या सिंबल से बचा जाए। पार्टी की स्थापना के पहले दिन से ही आईयूएमएल गर्व के साथ हरे झंडे का इस्तेमाल कर रही है।
वहीं आईयूएमएल के वायनाड जिला उपाध्यक्ष टी मुहम्मद ने कहा कि पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए ऐसी कोशिशें की जा रही हैं। हमने हमेशा धर्मनिरेपक्षता और लोकतांत्रिक आदर्शों को ऊपर रखा है।
दोनों दलों ने भले तमाम तरह की चर्चाओं को अपने तईं बेवजह बताने की कोशिश की हो, लेकिन हरे झंडे से बचने की बात को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता। आईयूएमएल का झंडा पाकिस्तान मुस्लिम लीग से मिलता-जुलता है। इसी बात को लेकर पिछले दिनों इसके बदलने की भी चर्चाएं सामने आई थीं। यही वजह है कि कांग्रेस इससे बचना चाहती है।

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