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स्वच्छता सर्वेक्षण / इंदौर तीसरी बार अव्वल, भोपाल सबसे साफ राजधानी; छोटे शहरों में उज्जैन ने मारी बाजी

                                       इंदौर महापौर और टीम ने लिया स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड।
  • 4237 शहरों का सर्वेक्षण 28 दिनों में हुआ, 64 लाख लोगों से लिया गया फीडबैक
  • इन शहरों के 41 लाख फोटो कलेक्ट किए, 70 कैटेगरी में दिए गए पुरस्कार

नई दिल्ली. स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान बुधवार को यहां राष्ट्रपति भवन में हुआ। इस सर्वे में इंदौर लगातार तीसरी बार अव्वल रहा है। सबसे स्वच्छ राजधानियों में भोपाल पहले स्थान पर है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने बाजी मारी है।
मंत्रालय के मुताबिक, स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में 4237 शहरों का सर्वेक्षण 28 दिनों में किया गया। इस दौरान विभिन्न टीमों ने 64 लाख लोगों का फीडबैक लिया। साथ ही, सोशल मीडिया के माध्यम से इन शहरों के 4 करोड़ लोगों से फीडबैक लिया गया। टीम ने इन शहरों के 41 लाख फोटोग्राफ्स कलेक्ट लिए। सर्वेक्षण में शामिल शहरों की तरफ से स्वच्छता के संदर्भ में 4.5 लाख डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए गए।
सात टॉप पुरस्कार:
कैटेगरी
शहर
सबसे स्वच्छ शहर इंदौर
सबसे स्वच्छ बड़ा शहरअहमदाबाद (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला)
सबसे स्वच्छ मध्यम आबादी वाला शहरउज्जैन (3 -10 लाख की आबादी)
सबसे स्वच्छ छोटा शहरएनडीएमसी दिल्ली (3 लाख से कम आबादी) 
सबसे स्वच्छ राजधानीभोपाल
सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंटदिल्ली कैंट
सबसे स्वच्छ गंगा टाउनगौचर, उत्तराखंड
70 कैटेगरी में दिए गए पुरस्कार:
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के तहत कुल 70 कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। सबसे स्वच्छ शहर के साथ ही स्टार रैकिंग और जीरो वेस्ट मैनेजमेंट का पुरस्कार भी इंदौर को मिला। वहीं, मध्यप्रदेश को कुल 19 पुरस्कार मिले हैं। सर्वेक्षण में टॉप करने के चलते इंदौर को सफाई के लिए अब विशेष अनुदान मिलेगा। पिछली बार 20 करोड़ रुपए इंदौर को मिला था।
छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट स्वच्छता वाले राज्यों में उभरा:
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र राज्य भी स्वच्छता के संदर्भ में तेजी से उभरे हैं। इन तीनों राज्यों को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट्स का पुरस्कार मिला है। छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है जबकि दूसरे नंबर पर झारखंड और फिर महाराष्ट्र का नंबर है।
इंदौर इन वजहों से तीसरी बार नंबर-1:
2014 तक इंदौर देश में सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था। लेकिन, अब स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है। देश में नंबर-1 बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधियों ने इंदौर की सफाई सिस्टम को देख चुके हैं। 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी बुलवाई। इसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, पूणे, बेंगलुरु, जयपुर शामिल है। 
  • देश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए।
  • 100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान।
  • कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन।
  • 29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम।
  • देश के पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट। इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है।
  • पहला शहर, जहां लाखों लोगों की मौजूदगी के दो जीरो वेस्ट इवेंट हुए।