असल में, जबलपुर के शासकीय प्राथमिक स्कूल में पदस्थ हेडमास्टर मुकेश तिवारी ने एक सभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर आपत्तिजनक के लिए अमर्यादित बयान दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो के आधार पर जिले के कांग्रेसी नेता जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज से इसकी शिकायत की थी। इसके बाद गुरुवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। आदेश में शिक्षक की हरकत को सिविल सेवा आचरण का उल्लंघन माना गया था।
हालांकि, अब खुद मुख्यमंत्री ने इस मामले में दखल दी है। उन्होंने हेडमास्टर का निलंबन आदेश वापस लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक संदेश भी जारी किया है, जिसमें प्रदेश सरकार के काम करने के तरीके के बारे में विस्तार से लिखा है।
हेडमास्टर ने भी इस फैसले पर खुशी जताई
हेडमास्टर मुकेश तिवारी ने कहा, "मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा दिल दिखाते हुए मुझे माफ किया है। मुझे यही उम्मीद थी कि जब उनके संज्ञान में ये मामला आएगा तो वो जरूर बड़ा दिल दिखाएंगे। इतना ही नहीं तिवारी ने वीडियो में छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया है।"
मुख्यमंत्री कमलनाथ का पूरा आदेश
मुझे अभी ज्ञात हुआ है कि प्रदेश के जबलपुर में एक शासकीय स्कूल में पदस्थ एक प्राध्यापक ने एक बैठक में मेरा नाम लेकर डाकू शब्द कहे जाने के विडीओ सामने आने पर वहां के ज़िला प्रशासन ने शिकायत मिलने पर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत निलंबित किया है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है, मेरा ऐसा मानना है। मैं सदैव इसका पक्षधर रहा हूं।
यह भी सही है कि शासकीय सेवा में पदस्थ रहते हुए उनका यह आचरण नियमो का उल्लंघन हो सकता है, इसलिए उन पर निलंबन की कार्यवाही की गयी है। लेकिन में यह सोचता हूं कि इन्होंने इस पद पर आने के लिये कितने वर्षों तक तपस्या, मेहनत की होगी। इनका पूरा परिवार इन पर आश्रित होगा। निलंबन की कार्रवाई से इन्हें परेशानियो से गुज़रना पढ़ सकता है।
एक मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से इन पर निलंबन की कार्यवाही की जाए, यह नियमों के हिसाब से सही हो सकता है लेकिन में व्यक्तिगत रूप से इन्हें माफ़ करना चाहता हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि इन पर कोई कार्रवाई हो। एक शिक्षक का काम होता है, समाज का नवनिर्माण करना। विद्यार्थीयों को अच्छी शिक्षा देना। उम्मीद करता हूं कि वे भविष्य में अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे।
मैंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इनका निलंबन अविलंब समाप्त हो। इन पर कोई कार्रवाई ना की जाए। वह ख़ुद तय करें कि जो इन्होंने जनता की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के लिए जो कहा है, क्या वह सही है?
उन्होंने ये भी कहा है कि पिछले 14 वर्षों में सेवा भारती को प्रताड़ित किया गया है। अपनों ने हमें परेशान किया। मैं इन्हें बस इतना विश्वास दिलाता हूं कि हमें ग़ैर ना समझे। हम बदले की भावना से कोई भी कार्य नहीं करेंगे और ना ही अपनो की तरह आपको प्रताड़ित करेंगे।
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