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लापरवाही / झांसी के बांध से छोड़ा पानी, डूब गईं एमपी के 3 गांवों की फसलें, खेतों में 5 फीट तक पानी, नाव से चले किसान

  1. सरसेड़, चपरन और कैथोंकर गांवों में फसलें डूबीं, किसानों को हुआ नुकसान।  
  2. तरबूज की फसल खराब, किसान नाव से ढूढते रहे डीजल पंप, बैलगाड़ी और खेती का सामान।
  • हरपालपुर/छतरपुर. धसान नदी से लगे ग्राम कैथोकर सरसेड चपरन के किसानों की फसलें डूब गई हैं। यह हालात झांसी के पहाड़ी बांध का पानी छोड़े जाने के कारण नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से सहायक नालों का पानी खेतों में भर जाने से बने हैं। किसानों ने अपने खेतों तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। पानी के कारण फसलों के साथ ही किसानों के कृषि उपकरण भी बरबाद हो गए हैं। 
  • धसान नदी पर झांसी जिले में पहाड़ी डेम है। इसका डूब क्षेत्र मप्र में है, पर पानी और प्रबंधन महोबा सिंचाई विभाग के पास है। उप्र के अधिकारियों ने बांध से पानी को छोड़ दिया है, इस बांध के नीचे लहचूरा डेम है। लहचूरा डेम के गेट उप्र के अधिकारियों ने नहीं खोले हैं। इससे डेम का जलस्तर 15 फीट तक बढ़ गया है। नदी में मिलने वाले सहयोग नालों में दूर-दूर तक पानी भर गया है। खेत डूब गए हैं। 

  • किसानों की पीड़ा: 18 बीघा जमीन का तरबूज डूबा, जुताई, सिंचाई, बुवाई की लागत भी डूबी- नालों का जलस्तर जो कि 3 से 4 फीट की स्थिति में रहते थे 10 से 15 फीट तक पहुंच गया है। किसान अरविंद रैकवार का कहना है नब्बे हजार रुपए लगाकर उसने ठेके पर 20 बीघा जमीन ली थी। खेतों में 86 हजार रुपए का तरबूज का बीज लगाया था इसमें से 18 बीघा जमीन में पानी भर गया है, जिससे सब कुछ नष्ट हो गया है। 
  • बृजलाल कुशवाहा का कहना है तो उसने भी 20 बीघा जमीन में तरबूज का बीज लगाया था और बीच उत्तम क्वाॅलिटी का महंगा बीज और जुताई, सिंचाई, बुवाई में उसमें एक लाख रुपए की लागत आई थी। अब सब कुछ पानी में चला गया है। इसी प्रकार चित्रकोटी कुशवाहा की जमीन पानी में डूबने के कारण गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई। 
  • बृजलाल कुशवाहा का कहना है तो उसने भी 20 बीघा जमीन में तरबूज का बीज लगाया था और बीच उत्तम क्वाॅलिटी का महंगा बीज और जुताई, सिंचाई, बुवाई में उसमें एक लाख रुपए की लागत आई थी। अब सब कुछ पानी में चला गया है। इसी प्रकार चित्रकोटी कुशवाहा की जमीन पानी में डूबने के कारण गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई। 
  • 24 घंटे बीते, पटवारी के अलावा कोई नहीं पहुंचा देखने के लिए
     किसानों ने बताया कि रविवार को पानी छोड़ा गया था। प्रशासन को अवगत भी कराया गया, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। 
    • पटवारी अंशु पांडेय के अलावा कोई मौके पर नहीं पहुंचा है। इसके कारण जलस्तर बढ़ता चला गया और करीब 15 फीट पानी भर जाने के कारण धसान नदी के सहायक नाले से लगी फसलें पूरी तरह पानी में डूब गईं। 
    • फसलों के साथ ही किसानों की डीजल पंप और बैलगाड़ी सहित पाइप नालों में डूब गए हैं। 
    • किसानों का कहना है कि अभी तक बांध बनने के बाद कभी भी फसल के समय नानू में 4 से 5 फीट तक पानी रहा इससे ज्यादा कभी भी पानी नही बढ़ा था। 
    • इस मामले में एसडीएम बीबी गंगेले का कहना है कि उन्हें जानकारी मिल चुकी है। पानी का जल स्तर कम करने के लिए वे अधिकारियों से बात कर रहा हूं।