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सोशल मीडिया पर मोर्चा संभालेगी महिलाओं की 'कमल शक्ति' ; मुख्यमंत्री ने कहा- बेटियां बोझ नहीं, वरदान
सोशल मीडिया पर मोर्चा संभालेगी महिलाओं की 'कमल शक्ति' ; मुख्यमंत्री ने कहा- बेटियां बोझ नहीं, वरदान
भोपाल. भारतीय जनता पार्टी अपनी फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल मीडिया पर प्रचार करने और कांग्रेस के आरोपों से निपटने के लिए महिलाओं की फौज तैयार कर रही है। इसे 'कमल शक्ति' का नाम दिया गया है। गुरुवार को सीएम हाउस में कमल शक्ति संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण दो चरणों में दिया जाएगा। अगला चरण का प्रशिक्षण 31 अगस्त को होगा। इसके लिए हर विधानसभा से 22-22 महिलाओं को बुलाया गया है। ये महिलाएं अपने विधानसभा क्षेत्र में 100-100 महिलाओें को जोड़ेंगी और उन्हें प्रशिक्षण भी देंगी।
दोनों चरणों के लिए 5 हजार महिलाओं को देंगे प्रशिक्षण : दोनों चरण के लिए पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को सीएम हाउस में बुलवाया गया है। इन्हें बेटी बचाओ, कन्यादान, लाड़ली लक्ष्मी, तीर्थ दर्शन, छात्राओं को साइकिल-गणवेश और सीधी आर्थिक मदद पहुंचाने वाली योजनाओं का ब्योरा समझाया जाएगा। सोशल मीडिया में इन्हें प्रचारित करने और कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के बारे में उन्हें तैयार किया जाएगा।
100-100 महिलाओं को जोड़ेंगी : ये प्रशिक्षित महिलाएं अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में 100-100 महिलाओं को जोड़ेंगी। इनके वॉट्सएप ग्रुप बनवाए जाएंगे। पार्टी का मानना है कि महिलाओं को सोशल मीडिया में उतारने से ज्यादा फायदा होगा। मुख्यमंत्री निवास में इनके लिए नाश्ते से लेकर भोजन और आने जाने की सारी व्यवस्थाएं भी की गई हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक वह इसके जरिए पांच लाख महिलाओं की फौज सोशल मीडिया के लिए तैयार कर लेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, "मैं बेटा और बेटी के बीच भेदभाव को दूर करूंगा, इसके लिए बेटों को संस्कारित किया जाएगा। बेटा-बेटी, को बराबरी को दर्जा दिलवाने की तड़प, महिला-पुरुष के भेद करने की सोच मेरे दिल में बचपन से ही है। बेटी को बोझ मानने वाली सोच को खतम करने की दिशा में हमने अनेकों कदम उठाए। हमने ऐसे प्रयास किए जिससे बेटियों को बोझ के बजाय वरदान समझा जाने लगा। बेटियों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के साथ उनके लिए अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य किए जा रहे हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।"
उन्होंने कहा कि मैं नारियों का सम्मान हृदय से करता हूं, संकल्प के साथ करता हूं। मैं जब तक जीऊंगा मेरी हर सांस में महिला सशक्तिकरण जीवित रहेगा। धार्मिक अनुष्ठान में सबसे पहले मातृशक्ति की पूजा होती है और धरती सहित जीवनदायनी नदियों को हम मां का दर्जा देते हैं। महिला का सम्मान हमारी संस्कृति का आधार है।दोनों चरणों के लिए 5 हजार महिलाओं को देंगे प्रशिक्षण : दोनों चरण के लिए पांच हजार से ज्यादा महिलाओं को सीएम हाउस में बुलवाया गया है। इन्हें बेटी बचाओ, कन्यादान, लाड़ली लक्ष्मी, तीर्थ दर्शन, छात्राओं को साइकिल-गणवेश और सीधी आर्थिक मदद पहुंचाने वाली योजनाओं का ब्योरा समझाया जाएगा। सोशल मीडिया में इन्हें प्रचारित करने और कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के बारे में उन्हें तैयार किया जाएगा।
100-100 महिलाओं को जोड़ेंगी : ये प्रशिक्षित महिलाएं अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में 100-100 महिलाओं को जोड़ेंगी। इनके वॉट्सएप ग्रुप बनवाए जाएंगे। पार्टी का मानना है कि महिलाओं को सोशल मीडिया में उतारने से ज्यादा फायदा होगा। मुख्यमंत्री निवास में इनके लिए नाश्ते से लेकर भोजन और आने जाने की सारी व्यवस्थाएं भी की गई हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक वह इसके जरिए पांच लाख महिलाओं की फौज सोशल मीडिया के लिए तैयार कर लेगी।
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सोशल मीडिया पर मोर्चा संभालेगी महिलाओं की 'कमल शक्ति' ; मुख्यमंत्री ने कहा- बेटियां बोझ नहीं, वरदान
Reviewed by News Day Today
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August 23, 2018
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