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उप्र / एनकाउंटर्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट का योगी सरकार को नोटिस, चीफ जस्टिस बोले- मामला गंभीर

  1. याचिका में मुठभेड़ मामलों की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की मांग
  2. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- मामले में 12 फरवरी को विस्तार से होगी सुनवाई

  • लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ को लेकर दाखिल एक याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में मांग की गई है कि, राज्य में हुई पुलिस मुठभेड़ की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराई जाए, इसकी निगरानी कोर्ट करे। 

    याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है। विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। अब 12 फरवरी को मामले पर सुनवाई होगी। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।

    मानवाधिकार आयोग ने भी जारी किया था नोटिस
    यूपी पुलिस के एक आंकड़े के मुताबिक, 2018 तक प्रदेश में पुलिस ने 1,038 मुठभेड़ हुई। इसमें 32 बदमाश मारे गए। सुप्रीम कोर्ट से पहले राज्य मानवधिकार आयोग ने भी इसी मामले पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 

    याचिका में कहा- राज्य प्रायोजित आतंक
    याचिका में कहा गया है कि, राज्य आतंकवाद या बड़े अपराधियों से लड़ने के लिए संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ ऐसे साधनों को अपना नहीं सकता है। मुठभेड़ के नाम पर ऐसी अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं को राज्य प्रायोजित आतंक माना जाता है। इसमें योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधी जेल में होंगे या मुठभेड़ में मारे जाएंगे जैसे बयानों को भी संदर्भित किया गया है।

    अखिलेश ने भी साधा था निशाना
    उत्तर प्रदेश में हुए एनकाउंटर्स पर राजनीतिक दलों ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने पिछले दिनों गाजीपुर में भड़की हिंसा में पुलिसकर्मी की मौत के बाद कहा था, 'ये घटना इसलिए घटी है क्योंकि मुख्यमंत्री सदन में हो या मंच पर हो उनकी एक ही भाषा है ठोक दो। कभी पुलिस को नहीं समझ आता किस ठोंकना हैं, कभी जनता को नहीं समझ आता है किसे ठोंकना हैं। 

    संयुक्त राष्ट्र के अफसरों ने केंद्र सरकार को भेजा था पत्र
    संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने भारत सरकार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत में हत्याओं के 15 मामलों की जानकारी के साथ पत्र लिखा था। इसमें संभावित 59 फर्जी एनकाउंटर मामलों का भी जिक्र किया गया था।